Introduction
भारत प्राचीन काल से विविध धर्म एवं परंपराओं का केंद्र रहा है। अनेक धर्म,भाषा की जननी भारत ही है। भारत में ऐसे अनेक महापुरुष हुए हैं जिन्होंने धर्म को एक उच्च स्तर पर ले गए। भारत प्राचीन काल से ही धार्मिक एवं आध्यात्मिक परंपराओं का केंद्र रहा है। ऐसे कई ऋषि हुए हैं जिन्होंने अपने अध्यात्म कर के उच्च कोटि की शिक्षा प्राप्त करी। प्राचीन काल में धर्म तो एक ही था परंतु अध्यात्म करने का तरीका अलग-अलग था।आज हमलोग इस ब्लॉग मे भारत के नए युग के आस्तिक, आध्यात्मिक है लेकिन धार्मिक नहीं(Spiritual but Not Religious).
- भारत में ऐसे कई महापुरुष का उदय हुआ जिन्होंने अध्यात्म को अपनाया एवं अपने अंदर की सारी प्रश्नों का हाल पाया। महात्मा बुद्ध को 6 साल की तपस्या के पश्चात ज्ञान की प्राप्ति हुई तत्पश्चात उन्होंने अपना उपदेश देना प्रारंभ करा वही महावीर स्वामी को 12 वर्ष तक घनघोर तपस्या के पश्चात ज्ञान की प्राप्ति हुई।
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Spiritual but Not Religious: India’s New-Age Believers
भारत में आज का युवा एक नए मार्ग की ओर चल रहा है Spiritual but Not Religious युवाओं का रुचि धर्म से कट करके अध्यात्म की ओर जा रही है।
- भारतीय आज परंपरिगत धाम के नियम कानून को छोड़कर अध्यात्म के जटिल नियम कानून को अपना रहे हैं। वह आध्यात्म में अपने मन की शांति का मार्ग ढूंढ रहे हैं। लोग आज योग, साधना ,ध्यान, मेडिटेशन ,अभिव्यक्ति जैसे पद्धति की और आगे बढ़ रहे है।
अध्यात्म क्या है ?
- अध्यात्म का अर्थ है अपनी आत्मा को समझना और फिर उसके माध्यम से सत्य या परमात्मा से संबंध स्थापित करना। आध्यात्मिक किसी को देने या बताने की शिक्षा नहीं है, यह तो अपने अंतरात्मा को ईश्वर से जोड़ने की व्यवस्था है।
नए युग (अध्यात्म) की शुरुआत के पीछे की वजह:
- आज भारतीय युवा अध्यात्म से जुड़ता जा रहा है। आज के युवा पीढ़ी धर्म के परंपरागत नियम कानून से दूर होकर के अध्यात्म से जुड़ने जा रहे हैं। युवाओं का मानना है कि धर्म से जुड़े लोग केवल धर्म, ग्रंथ, एकटेश्वर, और रीति रिवाज में सीमेंट कर रह जाते हैं , इन सब के कारण वे अपने बौद्ध क्षमता का विकास नहीं कर पाते हैं। आज के युवाओं का मानना है कि आध्यात्मिक लेकिन धार्मिक नहीं(Spiritual but Not Religious) । युवाओं के बदलने के पीछे कई वजह है, हम कुछ कारणों के ऊपर बात करेंगे: –
- आज के युवा पीढ़ी मॉडर्न होती जा रही है। वे मानते हैं कि परंपरिगत धर्म के नियम कानून उनकी बौद्धिक क्षमता को रोक देती है, धार्मिक ग्रंथों और कथाओं में केवल काल्पनिक बातें का ही वर्णन है। ग्रंथि में केवल उनके धर्म की ही बड़ाई किया गया है जो उनकी व्यक्तिगत सोच को दूर सोचने से बाध्य कर देती है।
- आधुनिक समाज में लोग अपने धर्म के प्रति कट्टर होते जा रहे हैं। उन्हें अपने धर्म के सिवा सारे धर्म बेबुनियाद लगते हैं। इस आधुनिक समाज में लोग धार्मिक कट्टरता और अशिनशुता बढ़ता जा रहा है।
- आज की युवा पीढ़ी खुद को समझने के लिए, मानसिक संतुलन, व व्यायाम के लिए अध्यात्म से जुड़ रही है। अपने जीवन के उद्देश्य को पाने व साकार करने के लिए अध्यात्म के पद्धतियों पर चल रही है।
- युवाओं का अध्यात्म से जुड़ने के पीछे सोशल मीडिया का अहम योगदान है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पे लोगों को अध्यात्म के बारे में पता चल रहा है एवम लोगो को प्रेरित कर रहा है।
आधुनिक भारत में नए आध्यात्मिकता का रूप:
- योग और ध्यान: योग और ध्यान लगाना मानसिक व शारीरिक शांति का साधन है।
योग और ज्ञान की शुरुआत भारत में प्राचीन काल से चली आ रही है।प्राचीन काल में ध्यान के माध्यम से ही जन परमात्म से संपर्क साधते थे। प्राचीन काल में भारत को विश्व गुरु कहा जाने के पीछे एक वजह योग और साधना भी था। योग और साधना के बल पर भारत में कई ऊंचाइयों को छुआ। एक बार फिर से भारत आज वैश्विक स्तर पर योग को बढ़ावा दे रहा है, अब जाकर के लग रहा है कि भारत फिर से अपना खोया हुआ पहचान वापस पाएगा। आज का युवा अपने मन की शांति के लिए, शारीरिक क्षमता को बढ़ावा को लेकर के आत्म जागरूक हो रहा है।
- युवा मन के शांति के लिए मेडिटेशन कर रहा है।
- शारीरिक क्षमता को बढ़ावा देने के लिए योगासन किया जा रहा है।
- ऐसे कई योग आसन है जो युवाओं को बीमारियों से मुक्त कर रहे हैं।
- युवाओं के अंदर आत्मविश्वास भर रहा है।
- व्यक्ति की अभिव्यक्ति: प्रकृति का यह नियम है कि जैसा आप सोचेंगे वैसा आप पाएंगे। आज का युवा अपने सोच को सकारात्मक रख करके अपने लक्ष्य की और आगे बढ़ रहा है , वे अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए मेहनत कर रहा है। वे प्राचीन कल में उपयोग किए जाने वाले मेथड को अपना रहे हैं जिससे कि परमात्मा से संपर्क साध सके। सोशल मीडिया में ऐसे कई संत हैं जो लोगो को संपर्क साधने में सहायक भी बन रहे हैं।
- टैरो कार्ड रीडिंग और ज्योतिषी: भविष्य जानने की इच्छा किसे नहीं होती है। हर व्यक्ति को इच्छा होती है क्यों आने वाले कल को आज जान ले। टैरो कार्ड रीडिंग का उपयोग भविष्य को जानने के लिए किया जाता है।
- परंतु आज के जनरेशन में टैरो कार्ड रीडिंग न सिर्फ भविष्य जाने के लिए बल्कि आत्म विश्लेषण एवं सही निर्णय लेने के लिए किया जा रहा है। युवा आज वैकल्पिक ज्योतिषी के उपर निर्भर हो रहा है। आजकल सोशल मीडिया पर कई ऐसे एप्लीकेशन आ गए हैं जो भविष्य बता रहे हैं और ऐसे लोग खूब तेजी से वायरल हो रहे हैं।
- एनर्जी हीलिंग: आज का युवा विभिन्न तरह के मानसिक दबाव, शारीरिक अक्षमता व आत्मविश्वास में कमी जैसे कई समस्याओं से जूझ रहा है। इन सब से निपटने के लिए जापान में तकनीक बनाई गई थी रेकी जो भारत में अभी बहुत लोकप्रिय है। इस तकनीक का उपयोग नकारात्मक चीजों से बचने के लिए किया जाता है।
आध्यात्मिक से जुड़ने की प्रेरणा:
- सोशल मीडिया ने लोगों को आध्यात्म से जुड़ने का रास्ता आसान कर दिया। इंस्टाग्राम, यूटयूब पर ऐसे कई गुरुओं के पेज मिलेंगे जो आपको अध्यात्म से जुड़ने का रास्ता बताएंगे उनके पेज पर लाखों के फॉलोअर रहता है। इन ग्रुपों की मदद से अध्यात्म से जुड़ना आसान हो गया है।
भारतीय संस्कृति में बदलाव सही या गलत
- लोगों का इसके पीछे अलग-अलग मत होता है। कुछ लोगों का मानना है कि ऐसी व्यवस्था भारत संस्कृति को कमजोर कर देगी तो भी दूसरी और लोगों का मानना है कि अध्यात्म से जुड़ने पर प्राचीन काल से चली जा रही है कर्मकांड खत्म होगी। लोग कर्मकांड करने से बचेंगे एवं ईश्वर से सच्चे मन से जुड़ पाएंगे इससे लोगों के अंदर घृणा व लोभ की भावना नष्ट होगी।
- आध्यात्मिक को एक ट्रेंड की तरह माना जाएगा एवं गलत गलत सूचनाओं प्रसारित की जाएगी जो संस्कृति को एक गलत रास्ते पर ले जायेगी। विरोध में यह भी कहा गया है कि इसे सदियों से चली जा रही परंपरागत धर्म की व्यवस्था को बदला जा सकता है जो सही नही है।
आपको हमारी यह ब्लॉग अछि लागि तो आप हमारे दूसरे ब्लॉग “Jagannath Puri Rath Yatra 2025 date, timings, History and Significance” को भी पढ़ सकते है |
Can a person be spiritual and not religious?
भारतीय आज परंपरिगत धाम के नियम कानून को छोड़कर अध्यात्म के जटिल नियम कानून को अपना रहे हैं। वह आध्यात्म में अपने मन की शांति का मार्ग ढूंढ रहे हैं। लोग आज योग, साधना ,ध्यान, मेडिटेशन ,अभिव्यक्ति जैसे पद्धति की और आगे बढ़ रहे है।
What is a person who believes in God but not religion?
ज भारतीय युवा अध्यात्म से जुड़ता जा रहा है। आज के युवा पीढ़ी धर्म के परंपरागत नियम कानून से दूर होकर के अध्यात्म से जुड़ने जा रहे हैं। युवाओं का मानना है कि धर्म से जुड़े लोग केवल धर्म, ग्रंथ, एकटेश्वर, और रीति रिवाज में सीमेंट कर रह जाते हैं , इन सब के कारण वे अपने बौद्ध क्षमता का विकास नहीं कर पाते हैं।
What is being spiritual but not religious?
अध्यात्म का अर्थ है अपनी आत्मा को समझना और फिर उसके माध्यम से सत्य या परमात्मा से संबंध स्थापित करना। आध्यात्मिक किसी को देने या बताने की शिक्षा नहीं है, यह तो अपने अंतरात्मा को ईश्वर से जोड़ने की व्यवस्था है।
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