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Income Tax Budget 2025 India | आयकर बजट 2025 भारत

Income Tax Budget 2025 India | आयकर बजट 2025 भारत

Introduction

सरकार द्वारा लिए जाने वाला अनिवार्य शुल्क है, जो की जनता से  प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से लिया जाता है। इनका उपयोग सरकार देश के विकाश कार्यों में करती है जैसे डिफेंस, इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्कूल,हॉस्पिटल, हाईवे आदि।आयकर बजट 2025 भारत के बारे में जानें (Discover the Income Tax Budget 2025 India) :

Income Tax Budget 2025 India | आयकर बजट 2025 भारत :

  • जैसा कि हम सब जानते हैं 2025 का वित्तीय बजट पेश किया जा चुका है । 1st फरवरी 2025 को भारत के वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी के द्वारा पेश किया गया। संसद में बजट प्रस्तुति के पहले श्रीमती निर्मला सीतारमण जी  राष्ट्रपति भवन गई जहां पर उन्होंने राष्ट्रपति से अनुमोदन लेकर के संसद में बजट प्रस्तुत किया।
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन जी का रिकॉर्ड बन गया कि वे लगातार आठ बार बजट  पेश करने वाली पहली महिला बनी। इसे पहले भारत की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने पहली बार बजट पेश किया था उस समय वे भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यारत थी ।
  • अभी तक सबसे ज्यादा वित्त बजट मोरारजी देसाई ने पेश कर। भारत में यह जरूरी नहीं की वित्त मंत्री ही हर साल ही बजट पेश करें कोई भी कैबिनेट मंत्री राष्ट्रपति के अनुमोदन से संसद में बजट पेश कर सकते हैं। संविधान के अनुच्छेद 266 के तहत भारत सरकार को संसद की अनुमति से धन खर्च करने की अनुमति  होती है।

आयकर बजट 2025 प्रस्ताव के कुछ प्रमुख क्षेत्र :

Income Tax Budget 2025 India
  • समावेशी विकास
  • एमएसएमई समर्थन
  • नवाचार
  • ऊर्जा
  • कॉटन
  • कृषि
  • ग्रामीण समृद्धि
  • समावेशी विकास
  • उच्च  रोजगार दर
  • उच्च गुणवत्ता वाले खाद
  • स्वास्थ्य सेवाएं
  • महिलाओं की भागीदारी
  • गरीबों का उन्मूलन

सरकार के द्वारा उठाए गए कुछ महत्वपूर्ण कृषि सुधार योजनाएं :

  1. आने 6 सालों मे भारत को दलों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की योजना।
  2. प्रधानमंत्री जनधन कृषि योजना के तहत 1.7 करोड़ किसानों को सहायता मिले, 100 से अधिक जिलों मे इसका विस्तार हो।
  3. किसान क्रेडिट कार्ड के द्वारा लोन की सीमा बड़ा करके ₹ 3 लाख की जाएगी, सरकार का उद्देश्य है कि इसका विस्तार 7.7 करोड़ किसानों तक किया जाए।
  4. कपास उत्पादकता में सुधार हो।
  5. मखाना उत्पादन वाले क्षेत्र को सहायता मिले। बिहार सबसे अधिक मखाना उत्पादन करने वाला राज्य है।
  6. देशभर में प्रोटीन सोर्स वाले खाने पीने की चीजों पर बढ़ावा ।
  7. भारत के संभावित GDP वृद्धि दर 6.3% से 6.7% तक  बढ़े।
  8. भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़े।

भारत की नई कर संरचना 2025 :

  • 0  – 4 लाख रूपए : कोई कर नहीं
  • 4 –  8 लाख रुपए : 5%
  • 8 – 12 लाख रूपए : 10%
  • 12  – 16 लाख रूपए : 15%
  • 16  – 20 लाख रूपए : 20%
  • 20 –  24 लाख रूपए : 25%
  • 24 लाख रूपए से अधिक : 30%
  1. सरकार ने मध्यम वर्ग के लोगों के लिए एक बड़ी घोषणा की है कि 12 लख रुपए तक के आय पर कोई भी आयाकर नहीं देना होगा। 12 लाख रुपए तक की आय वालों को कर रिबेट मिलेगा जो की उनके कर देयता को शून्य कर देगी।
  2. ST, SC एवं महिलाओं के लिए एक विशेष छूट है कि अगर वह स्टार्टअप करना चाहे तो उन्हें 12 लाख तक का लोन दिया जाएगा अगले 5 साल तक।
  3. बता दे की 12 लख रुपए आए वालों को 80000 रुपए तक की कर छूट मिलेगी।
  4. 18 लाख रुपए आए वालों को 70000 रुपए तक की कर राहत मिलेगी।
  5. 25 लख रुपए आए वालों को 110000 तक की कर राहत मिलेगी।

बजट 2025 में मध्यम वर्ग को लाभ :

2025 के बजट के पेश होने के बाद मध्यम वर्ग के लोगों में खुशी देखी गई है। क्योंकि सरकार ने मध्यम वर्ग के लोगों के लिए एक बड़ी राहत दी है। सरकार ने घोषणा किया है कि 12 लाख रुपए तक के आए पर कोई भी आयाकर देने की आवश्यकता नहीं है। माना जा रहा है कि इस बजट से घरेलू उपभोग ,बजट और निवेश को बढ़ावा देने में लाभ मिलेगा और भारत जल्द ही अपने देश के गरीबों को मिटा सकेगा।

कर के प्रकार :

1. प्रतक्ष कर (Direct Tax)

2. अप्रत्यक्ष कर ( Indirect Tax)

  1. प्रतक्ष कर(Direct Tax) :- प्रत्यक्ष कर को किसी व्यक्ति, संस्थान, शिक्षा केंद्र या उनकी आय या संपत्ति के आधार पर लगाए गए कर जिसे सरकार सीधे भुगतान करें उसे प्रत्यक्ष कर कहते हैं
  1. आयकर : आयकर सीधे तौर पर किसी व्यक्ति के प्रोफेशन प्रॉपर्टी बिजनेस स्कूल बोनस सैलरी से उत्पन्न आई पर लागू होता है। यह भारत सरकार के इनकम टैक्स विभाग की देखरेख करती है। वार्षिक केंद्रीय बजट के दौरान इनकम टैक्स स्लैब में संशोधन किया जाता है। आयकर विभाग 1961 के इनकम टैक्स अधिनियम के तहत आता है।
  2. कॉरपोरेट टैक्स : कॉरपोरेट टैक्स 1956 अधिनियम के तहत पंजीकृत है। इस कर को भारत के अंतर्गत आने वाले भारतीय कंपनी सर्वाधिक एवं निजी कंपनियों पर टैक्स लगता है। विदेशी कंपनी जो भारत में स्थित है उन पर भी कॉरपोरेट टैक्स लगता है।
  3. संपत्ति कर

2. अप्रत्यक्ष कर( indirect tax) :- अप्रत्यक्ष कर समाज के हर वर्ग पर लागू होता है यह अमीरी और गरीबी दोनों को समान रूप पर लगता है क्योंकि अप्रत्यक्ष कर किसी वर्ग की आय को देखकर नहीं लगाया जाता है। अप्रत्यक्ष करके कुछ प्रकार :

  1.  Exercise Tax(उत्पाद कर) :- उत्पाद कर भारत के केंद्र सरकार के द्वारा लगाया जाता है,इस अधिनियम 1944 के तहत लागू किया जाता है। भारत में बनने वाले हर वस्तु पर यह कर लगाया जाता है बाद में इसका बोझ थोक व्यापारियों के कंधे पर डाल दिया जाता है।
  2. Sales tax : थोक व्यापारियों अपने ऊपर आए बोझ कर  को ग्राहक को स्थानांतरित कर देता है।
  3. VAT :  VAT को अंतिम रूप से उपभोक्ता द्वारा लिया जाता है। राज्य सरकार अलग-अलग प्रधान विभागों के माध्यम से VAT लगाने और जमा करने के लिए जिम्मेवार होते हैं। राज्य सूची के प्रवेश 54 में स्पष्ट किया गया है की VAT किन किन चीजों पर लगेगा।
  4. कस्टम ड्यूटी (सीमा सुल्क) : कस्टम ड्यूटी अधिनियम 1962 के तहत लिया जाता है।जब कोई माल एक देश से दूसरे देश में आयात व निर्यात होता है तो देश के बाहर से आने वाले माल पर आयात शुल्क लगाया जाता है एवं बाहर जाने वाले वस्तु पर निर्यात शुल्क लगाया जाता है। कस्टम ड्यूटी का भुगतान उपभोक्ताओं और थोक विक्रेताओं के द्वारा किया जाता है।
  5. स्टांप ड्यूटी : स्टांप ड्यूटी भारत स्टांप अधिनियम 1899 के अनुसार तीन के तहत देना अनिवार्य होता है। जब कोई व्यक्ति घर संपत्ति अपने नाम पर पंजीकरण करवाता है तो उन्हें स्टैंप ड्यूटी लगती है।

आपको हमारी यह ब्लॉग अछि लागि तो आप हमारे दूसरे ब्लॉग “महाकुंभ मेला कब तक है ?” को भी पढ़ सकते है |

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